रविवार, 3 अप्रैल 2011
यमुना:तेरा क्या होगा ????
आज देश का हर नागरिक गंगा नदी के प्रदूषण से वाकिफ है पर ऐसे बहुत ही कम लोग है है जो यमुना में फैले प्रदूषण के प्रति सजग है .आज देश में हर तरफ लोगो का ध्यान गंगा के प्रदूषण की तरफ है .यमुना भी देश की प्राचीन नदी है .पुराणिक कथाओ में यमुना को ब्रजवासियो की माता माना गया है .गौड़िय विद्वान श्री रुप गोस्वामी ने यमुना को साक्षात् चिदानंदमयी वतलाया है. गर्गसंहिता में यमुना के पचांग - पटल, पद्धति, कवय, स्तोत्र और सहस्त्र नाम का उल्लेख है। यमुना नदी हिमालया से निकल कर इलाहाबाद में जा कर गंगा में मिल जाती है.आश्चर्य की बात देखो की यमुना नदी देश की राजधानी से होकर बहती है और वहां इसकी स्थिति एक गंदे नाले से भी ख़राब है.चलो एक और आश्चर्य की बात बताते है .विश्व के अजूबे ताजमहल जो भारत के आगरा शहर में स्थित है,के पीछे यमुना नदी बहती है ,यहाँ तो यमुना और गंदे नाले में फर्क कर पाना बहुत ही मुश्किल है.यमुना नदी की स्थिति बहुत ही खराब है.यमुना नदी में दिन प्रति दिन प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है जबकि यमुना नदी के किनारे कई ऐतिहासिक नगर कस्बे और गावं बसे हुए है.अब इतिहास की बात सामने आई है तो एक बात और बता दू भारत में निवास करने वाला लगभग हर नागरिक अकबर और बीरबल के नाम से वाकिफ है.बीरबल इसी यमुना के किनारे बसे एक कस्बे कालपी (जिला जालौन ,उत्तर प्रदेश )में जन्मे थे.आमतौर पर लोगो के दिमाग में बड़तेप्रदूषण के प्रति यह धारणा बनी हुयी है की जो करेगी सरकार करेगी हमें क्या लेना देना ?यह धारणा बहुत ही गलत है एक माली १२१ करोड़ फूलो की देखभाल नहीं कर सकता और तब तो बिलकुल ही नहीं जब माली अपने आप में बहुत ही भ्रष्ट हो .कहने का मतलब यह है की हम १२१ करोड़ लोग किसी ना किसी रूप में प्रति दिन प्रदूषण फैला रहे है और इस प्रदूषण को मुक्त करने के लिए सरकार ने एक तंत्र बनाया है जो भ्रष्ट तरीके से चलाई जा रहा है तो वो तंत्र कैसे १२१ करोड़ लोगो के द्वारा फैली गन्दगी को साफ़ कर पायेगा.हकीकत तो यह है की एसा तंत्र अपने घर की भी गन्दगी को साफ नहीं कर पता है. निष्कर्ष के रूप में कहा जा सकता की की यदि हम प्रदूषण के प्रति सजग नहीं होगे तो प्रदूषण ऐसे ही बढ़ता रहेगा और हम ऐसे ही चिल्लाते रहेगे.आज हमें प्रदूषण के khilaf aavaaj उठानी है यदि हम अपना घर साफ रखेगे तो पूरा मोहल्ला साफ होगा और मोहल्ला साफ होगा तो गावं ,कस्बा व शहर साफ होगा और यदि एसा होगा तो देश साफ होगा और यदि यह चेतना सभी क्षेत्रो में लागू की जाये तो हम एक भ्रष्ट और प्रदूषण मुक्त समाज को स्थापित कर सकेगे.
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shriman ji aap ki soch thik hai par log esa sochate kaha hai .log to apane kam me svarthi bane hue hai
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